पटना में आज बैठकों का दिन है:
एक तरफ़ अंतराष्ट्रीय सम्मेलन L20 की बैठक हो रही है। जिसपर न तो मीडिया का ध्यान है न ही बिहार सरकार का ध्यान है।
दूसरी तरफ पटना में विपक्षी नेताओं की बैठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रखी है।
कुर्सी के बजाए बिहार की चिंता किये होते नीतीश बाबू तो बिहार कहीं और होता।
दिसंबर 2022 में भारत को G20 की अध्यक्षता का मौका मिला। वर्ष 2023 के शुरुआत से ही भारत के अनेक शहरों में G20 के प्रतिनिधियों का आना ज़ारी है। G20 यानी ग्रुप20 में दुनियाँ की 20 मजबूत अर्थव्यवस्थाओं का समागम है। G20 की 11 इकाइयां हैं। जिनकी बैठक भारत के अलग अलग शहरों में हो रही है। इसी क्रम में 22-23 जून को लेबर 20 (L20) ग्रुप की बैठक बिहार की राजधानी पटना में हो रही है। जिसमें 28 देशों से भारत सहित 173 प्रतिनिधि आएंगे। भारत सरकार के श्रम मंत्री भी शामिल होंगे।
L-20 यानी लेबर 20, G-20 के 11 सहयोगी एवं कामकाजी समूहों में से एक है। यह गैर-सरकारी प्रयासों के नेतृत्व में है। यह वैश्विक स्तर पर श्रम और रोजगार की चिंताओं तथा अन्य संबंधित मुद्दों पर चर्चा करता है।
L-20, G-20 स्तर पर श्रमिकों के हितों का प्रतिनिधित्व करता है। यह फोरम G-20 देशों के 66% आबादी और लगभग 75% वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का प्रतिनिधित्व करने वाले सभी मजदूर संगठनों को एक साथ एक मंच पर लाने की कोशिश करता है।
भारत सरकार की तरफ़ से बिहार को इतना सुनहरा मौका मिला है। लेकिन बिहार सरकार कुर्सी के खेल में इतनी सराबोर है,उसे न तो बिहारियों की चिंता है न बिहारी अस्मिता की चिंता है।