पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रोविंस के कुर्रम ज़िले में आदिवासी समुदाय का बसेरा है। जिनमें दोनों सिया सुन्नी मुसलमान रहते हैं। 10 जुलाई के दिन सिया सुन्नी मुसलमानों के बीच ज़मीन विवाद को लेकर झड़प हुई। पाकिस्तान में कट्टरपंथी की कोई सीमा नहीं है। पाकिस्तानियों को आग जलाने के लिए माचिस की जरूरत नहीं पड़ती। उनके लिए हवा का झोंका ही काफी है,चिंगारी को आग बनाने के लिए। सिया सुन्नी मुसलमानों के बीच विवाद कोई नया नहीं है। पाकिस्तान में सुन्नी मुस्लिम सिया को मुसलमान मानने ही नहीं हैं। इसी नफरत की वजह से ज़मीन विवाद को लेकर शुरू हुई झड़प,देखते ही देखते दंगे में बदल गयी। यूं तो पाकिस्तान में मीडिया आर्मी के इशारे पर काम करती है। लेकिन चंद लोग हैं, जो इस दवाब में नहीं आते, उसमें से एक है डॉन न्यूज़, डॉन न्यूज़ के मुताबिक कुर्रम दंगे में अबतक 9 लोगों की जान जा चुकी है। 42 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं। जिनमें 3 की हालत गंभीर है।
कुर्रम ज़िले में पिछले 4 दिनों दंगा भड़का है। जिसका असर अब आस पास के इलाकों में फैल गया है। डॉन न्यूज़ के हवाले से मिली ख़बर के अनुसार खार, कळले, ब्लिश्खेल, और पेवर,टेरी मेंगल तक फैल गया है। कुर्रम प्रशासन और पुलिस दंगा रोकने में लगी हुई है। लेकिन उन्हें अबतक कामयाबी नहीं मिली है। आदिवासियों के बीच शुरू हुए विवाद को देखते हुए उनके नताओं ने दंगा रोकने की अपील की है। दंगा भड़कने के बाद से रोजमर्रा की ज़िंदगी थम गई है। स्कूल, कॉलेज, मार्किट बंद हैं। लेकिन पाकिस्तान के मुलसमानों में कट्टरता इन प्रकार घुसी हुई है,जिसे रोकना मुश्किल होता है। पाकिस्तान में बेरोजगारी,भुखमरी पर कोई नियंत्रण नहीं है। जिसके कारण असामाजिक तत्वों की भरमार है। इसे रोकना मुश्किल होने वाला है।