भारत सरकार आज़ादी के 75 साल को ‘अमृत महोत्सव’ के रूप में मना रही है। अमृत महोत्सव में ग़ुलामी की सभी
निशानियों को मिटाने का तय हुआ है। भारतीय रेल भी अंग्रेजों की देन है। लेकिन इसका कायाकल्प भारतीयों द्वारा
किया जाएगा। भारत की लाइफ लाइन कही जाने वाली भारीतय रेल दुनियाँ की सबसे बड़ी रेल नेटवर्क में से एक है।
देश विदेश के लोग भारतीय रेल में सफ़र करते हैं। देश के आर्थिक विकास में रेल का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसी
कड़ी में भारत सरकार ने देश के 1275 रेलवे स्टेशनों को चिन्हित कर उसे नए तरीके से (रेंनोवशन)करने का निर्णय
किया है। इस योजना का नाम “अमृत भारत स्टेशन योजना” रखा है।
इस योजना की शुरुआत में अब तक 3 स्टेशनों को विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ तैयार कर लिया गया है। इनमें
मध्यप्रदेश का रानी कमलापति रेलवे स्टेशन, कर्नाटक का सिर एम. विश्वासरिया स्टेशन और गुजरात का गांधीनगर
रेलवे स्टेशन शामिल है।
भारत सरकार ‘विरासत भी विकास भी के मूल मंत्र के साथ,’ अमृत भारत स्टेशन योजना को आगे बढ़ाते हुए देश के
508 रेलवे स्टेशनों पर रेंनोवशन का काम तेज़ गति से कर रही है। वहीं 767 रेलवे स्टेशन की प्लानिंग और टेंडरिंग का
काम चल रहा है। सभी स्टेशनों की इमारत पर भारत की सांस्कृतिक विरासत को परिदृश्य किया जाएगा। जिससे
स्टेशन पहुंचने वाले लोगों को भारीतय संस्कृति और ख़ास कर उस शहर से जुड़ी संस्कृति से अवगत कराया जा सके।
स्टेशन पर भारत का तिरंगा लगाने का तय हुआ है। अब तक सिर्फ़ बड़े स्टेशनों पर तिरंगा लगाया गया है।
भारत सरकार का यह क़दम अत्यंत लोकप्रिय है। इस योजना में सिर्फ़ कामचलाऊ सुविधाओं तक सीमित नहीं रहना
है। इसमें स्टेशनों का विकास एयरपोर्ट के तर्ज पर किया जाएगा।लिफ़्ट, एक्सेलेटर, एलेवेटर की सुविधाएं दी जाएंगी।
दिव्यागों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है।
रेलवे स्टेशन पर शॉपिंग मॉल, 5 स्टार होटल, रूफ टॉप एलिवेटेड प्लाज़ा और सिटी सेंटर बनाने की योजना है। इस
योजना में पुरानी सुविधाओं को बदल कर नई सुविधाएं लगाई जाएंगी। हर स्टेशन पर WiFi सुविधा दी जाएगी। वेटिंग
रूम का कायाकल्प होगा। अन्य जितनी भी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकती हैं,वो सब कराई जाएंगी।
आने वाले वर्षों में नए भारत की नई रेल दुनियाँ के सामने होगी। इसके देखने के लिए उत्सुकता बनी रहेगी।